Aaj Ham Discuss Karenge Fintech Ke Bare Me Ki Fintech Kya Hota Hai

तकनीक के कारन कुछ नए प्रोडक्ट और सर्विसेस निजात होते हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं फिन टेक की,
फिन टेक यानी फाइनेंस टेक्नोलॉजी आप जब भी किसी बिजनेस से जुड़ी कंपनी या बैंक के बारे में पढ़ते होंगे तो हो सकता है। कि वहां पर आप देखेंगे कि फिनटेक लिखा होगा। तो आपके दिमाग में चल रहा होगा। कि आखिर यह फिनटेक क्या होता है। ,
आइए आज आपको इसके बारे में पूरी डिटेल से बताते हैं। जब आप अपने वित्तिय काम को टेक्नोलॉजी की मदद से पूरा करते हैं। तो उसे फिन टेक कहा जा सकता है। और इस काम को पूरा करने वाली कंपनी को फिन टेक कंपनी कहा जाता है। पहले समय में बैंक से पैसा निकालने के लिए रजिस्टर मेंटेन करना होता था। जिसमें काफी समय भी लगता था। लेकिन अब बैंकिंग सिस्टम में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने से fintech सिस्टम शुरू हो गया है। और पैसे का लेनदेन आसान हो गया है। इसे भी हम फिन टेक कह सकते हैं।

फिन टेक कंपनियां अपनी इनोवेशन की वजह से देश के कोने कोने में बैंकिंग सर्विसेज पहुंचाने में मदद करते हैं।
अब आप टैक्सी का किराया चुकाने या यह रेस्टोरेंट का बिल चुकाने के लिए पेमेंट नगद भी नहीं करते बल्कि पेटीएम से करते हैं।
आप देश के फिन टेक revolution का हिस्सा बन चुके हैं। यूपीआई या भीम एप्लीकेशन भी इसका एक अच्छा उदाहरण है। इस revolution ने ना शिर्फ़ हमारे और आपके पास केश रखने की जरूरत खत्म कर दी है ।बल्कि इसने बैंकिंग सर्विस को भी पूरी तरह से बदल दिया है।
एक के बाद एक बैंक अपने मोबाइल वॉलेट सर्विस लांच कर रहे हैं। जिसका कारण फिनटेक ही है। अब बैंक इन फिन टेक कंपनी को अपने साथ ला रहे हैं। ये फिन टेक स्टार्ट अप बैंको के लिए पेमेंट केस ट्रांसफर जैसी सर्विसेस में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही ये देश के दूरदराज इलाकों में बैंकिंग सर्विसेज को उपलब्ध करा रहे हैं। फिन टेक देने वाले अब बचत ,उधार , बीमा तथा अन्य तरह की सेवाओं की पेशकश भी शुरू कर रहे हैं।
फिंट टेक के कारण ही देश में आज पेटीएम ,मूवी किक, फ्री चार्ज जैसी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त देश में फिनटैक्स सेक्टर का कारोबार 2023 तक 73 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। सरकार की कोशिश भी देश की इकॉनमी को कैशलेस बनाने की है। ऐसे में फिनटेक कंपनियों की भूमिका आने वाले दिनों में और भी बड़ी होने जा रही है।
फिन टेक को कुछ क्षेत्रों में हल्के ढंग से set किया जाता है। जिसके कारण स्थिरता में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही पेमेंट और ई मनी ऑपरेटर अनिवार्य रूप से निजी पैसों का इस्तेमाल करते हैं। इसमें क्रेडिट के खतरे होते हैं। अकसर इसकी वित्तीय स्थिरता को लेकर सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि फिनटैक्स छोटे आधार से प्रगति करता है। और बैंकों के साथ संबंध बढा़ता हैं। इसके साथ ही साथ डेटा गोपनीयता ,डेटा सुरक्षा और मनी लांड्रिंग से जुड़े चिंताएं भी हैं। फिन टेक में स्टार्टअप जैसे छोटी कंपनिया होती हैं। इन्हे वित्तीय रूप से उपर उठाना मुश्किल होता है।
तो दोस्तों जैसा revolution अभी हो रहा है उसको देखते हुए फिनटेक कंपनियां बहुत अच्छी स्पीड से ग्रो कर सकती हैं
दोस्तों फिनटेक दो शब्दों से मिलकर बना है फाइनेंस प्लस टेक्नोलॉजी तो इसका सीधा सीधा मतलब यह है कि कोई भी फाइनेंस का ऐसा काम जिसमें टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती हो वह फिनटेक कहलाता है,
हमारे देश में जितनी भी ये कंपनियां इस्टैबलिश्ड है जैसे पेटीएम ,Bharatpay, phonepay, यह सब फिनटेक कंपनियां हैं और इन्हीं कंपनियों के आने के बाद में मैक्सिमम बैंकों ने अपने मोबाइल ऐप, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग शुरू किए हैं
तो इस बदलाव के चलते मैक्सिमम पुरानी पेमेंट कंपनियां भी fintech कंपनियां बन रही हैं
दोस्तों टेक्नोलॉजी का हमारे जीवन में बहुत योगदान है क्योंकि टेक्नोलॉजी ही मात्र एक साधन है जिससे किसी भी मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है लेकिन टेक्नोलॉजी फाइनेंस के बिना अधूरी है जब कोई टेक्नोलॉजी सेटअप की जाती है तो वहां पर पैसे की जरूरत होती है लेकिन जब से ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम स्टार्ट हुआ है तब से फाइनेंस भी टेक्नोलॉजी के बिना अधूरा है
तो टेक्नोलॉजी और फाइनेंस दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं यह दोनों एक दूसरे के समर्थक हैं और दोनों को मिलाकर ही बनता है फिनटेक,
दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको fintech के बारे में जानकारी मिल गई होगी , अगर नहीं मिली है तो इस पोस्ट को फिर से पढ़िए आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी ,
हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद